वृंदावन, भगवान कृष्ण की लीलास्थली और प्रेम की नगरी में स्थित प्रेम मंदिर, एक ऐसा आध्यात्मिक मंदिर है जो अपनी भव्यता और दिव्यता से भक्तों को आकर्षित करता है। यह मंदिर भगवान कृष्ण और राधा के अटूट प्रेम का प्रतीक है, और इसकी वास्तुकला और इतिहास से इसकी गौरवशाली विरासत का पता चलता है।
इतिहास
प्रेम मंदिर का निर्माण जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज की दिव्य प्रेरणा से हुआ था। उन्होंने इस मंदिर की कल्पना भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम के सच्चे रूप को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने के लिए की थी। मंदिर का निर्माण कार्य जनवरी 2001 में शुरू हुआ और 15 से 17 फरवरी 2012 तक उद्घाटन समारोह हुआ। मंदिर के निर्माण में करीब 11 साल का समय लगा और इस दौरान हजारों भक्तों ने स्वेच्छा से अपना योगदान दिया।
वास्तु कला
प्रेम मंदिर की वास्तुकला अत्यंत ही सुंदर और भव्य है। मंदिर की ऊंचाई 125 फीट है और लंबाई 122 फीट है। वहीं मंदिर की चौड़ाई करीब 115 फीट है। मंदिर का बाहरी भाग सफेद संगमरमर से बना है, जो इसे एक चमकदार और आकर्षक रूप प्रदान करता है। मंदिर के गुंबद पर सोने की परत चढ़ाई गई है, जो दूर से ही चमकता हुआ दिखाई देता है। मंदिर के अंदर की दीवारों पर भगवान कृष्ण और राधा की लीलाओं को दर्शाती सुंदर कलाकृतियां बनी हुई हैं। मंदिर में एक विशाल सत्संग भवन का निर्माण किया गया है, जिसमें एक साथ 25,000 हजार लोग बैठ सकते हैं। इस भवन को प्रेम भवन कहा जाता है।
महत्व
प्रेम मंदिर न केवल एक आध्यात्मिक मंदिर है, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक केंद्र भी है। मंदिर में नियमित रूप से सत्संग, ध्यान और योग का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा, मंदिर में गरीबों और जरूरतमंदों की मदद के लिए कई सामाजिक कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं। प्रेम मंदिर आज विश्व प्रसिद्ध मंदिर बन चुका है और हर साल लाखों भक्त इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।
प्रेम मंदिर की विशेषताएं
- भगवान कृष्ण और राधा की सुंदर मूर्तियां
- मंदिर की दीवारों पर बनी हुई सुंदर कलाकृतियां
- विशाल प्रेम भवन
- सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन
प्रेम मंदिर एक ऐसा पवित्र स्थान है जहां भक्तों को आध्यात्मिक शांति और प्रेम का अनुभव होता है। यह मंदिर भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम की शक्ति का प्रतीक है और हमें सिखाता है कि प्रेम ही जीवन का सबसे बड़ा सुख है।
प्रेम मंदिर वृन्दावन रात्रि दृश्य, तस्वीरें एवं पूरा वीडियो
कैसे पहुंचें?
प्रेम मंदिर वृंदावन में स्थित है और यह मथुरा से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आप ट्रेन, बस या टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं। मंदिर के पास ही एक रेलवे स्टेशन भी है।